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बंद होगी सभी 199 जिला कृषि मौसम इकाइयां, किसानों को खेती के लिए मिलती थी अहम जानकारी

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने ब्लॉक स्तर पर लाखों किसानों को मौसम से जुड़ी जानकारी प्रदान करने वाली सभी 199 जिला कृषि मौसम इकाइयों की सेवाओं को बंद करने का चौंकाने वाला फैसला किया है। इन इकाइयों से मौसम की जानकारी मिलने से किसानों को खेती में काफी मदद मिलती थी। और उन्हें फसलों का नुकसान कम करने तथा आय बढ़ाने में मदद मिलती थी।आईएमडी की ओर से 17 जनवरी को जारी आदेश के अनुसार जिला कृषि मौसम इकाइयों (डीएएमयू) की सेवाओं को इस वित्त वर्ष (2023-2024) से अधिक नहीं बढ़ाया जाएगा। इन्हें बंद करने का फैसला इसलिए भी चौकाने वाला है कि कुछ समय पहले सरकार इसका 530 जिलों तक विस्तार करने की बात कह रही थी।

199 जिलों के लाखों किसानों पर असर

जारी आदेश में कहा गया कि व्यय वित्त समिति (वित्त मंत्रालय) की पिछले वर्ष फरवरी में हुई बैठक में नीति आयोग के एक वरिष्ठ सलाहकार ने सभी डीएएमयू में कर्मी मुहैया कराने की जरूरत का पुन: मूल्यांकन करने का सुझाव दिया था। जिसके बाद मौजूदा 199 डीएएमयू को बंद करने के लिए कार्यवाही की जा रही है। अधिकारी ने कहा था कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) के पास फील्ड इकाइयों के बजाय केंद्रीकृत इकाइयां हो सकती हैं क्योंकि आंकडे़ एकत्र करने का कार्य स्वत: होता है।

इन इकाइयों में काम करने वाले कर्मचारियों के अनुसार इस फैसले से 32 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के 199 जिलों के किसान प्रभावित होंगे। कृषि मंत्रालय के वैज्ञानिकों ने भी किसान समुदाय के वास्ते डीएएमयू के योगदान को स्वीकार किया है और साथ ही कहा हैकि डीएएमयू सेवाओं को बंद करने से सीधा असर होगा।

मंगलवार- शुक्रवार को किसानों को मिलती है सलाह

कृषि मंत्रालय के तहत भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर) द्वारा स्थापित ये 199 इकाइयां जिले के किसानों को प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को कृषि-मौसम से संबंधित अहम सलाह देती हैं। सेवाएं बंद करने से उन किसानों को नुकसान होने की आशंका है जो अपने दैनिक कृषि कार्यों के लिए सलाह पर निर्भर हैं। आईसीएआर और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के कृषि विज्ञान केंद्रों के परिसर में 2018-19 में डीएएमयू स्थापित किए गए थे। इनके जरिए फसल विशिष्ट मौसम सलाहकार संदेशों के साथ अगले पांच दिनों के लिए मौसम पूर्वानुमान की जानकारी दी जाती रही है।

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